सांतवाँ सहस्त्रार चक्र

बीज मंत्र साधना



यह ब्रह्म उर्जा का कोष है। ये एक ऐसा चक्र है, जहाँसे आप हर चीज से मुक्त है, आप पूरे परमात्मा है, इस तक आप पहुंच गये तो परमात्मा का रास्ता खुला है, आपको सिर्फ सहस्त्रार तक पहुँचना है। हम कहते है, की परमात्मा उपर है, इसका अर्थ परमात्मा सहस्त्रार चक्र पर है, वो उपर आसमान में नहीं है, साधना हमें यहाँ तक ले आयेगी। आत्मज्ञान यहींपे जा के होगा। आपको खुद को पता हो जाएगा की हम क्या है। हालांकी आत्मा क्या है ये आप कभी नहीं जान पाओगे, आप बस उसमें रहने लगोगे। आपको आत्मा का ज्ञान तभी होगा जब आप सहस्त्रारपर रहने लगोगे। यहां तक जाने के लिए आपके जीवनमें सारी चीजें बॅलेन्स होनी चाहीए। आपका जीवन हर तरह से संतुलित हो तभी आप उपर उठ पाएंगे। कहीं भी कमजोरी है तो प्रकृती आप को खिंचके रखेगी। इसलिए सुशक्ती चक्र साधना का महत्व है, चक्र हिलींग जब आप करोगे तो ये आपका द्वार खुला रहेगा। और दरवाजे खोलते बंद करते रहोगे तो कैसे पहुचोगे आप। सारे दरवाजे खुले रखो, उपरसे नीचे तक और साधना करते रहो, एक दिन छटाकसे पहुँच जाओगे।