चौथा चक्र अनाहत
बीज मंत्र साधना
ये प्रेम से संबंधित उर्जा का चक्र है| इसकी बारह पंखुडिया बारह कलाएँ है जो ह्रदय कमल पूर्ण रूपसे खिलने के कारण प्रकृती साधक को प्रदान करती है| स्त्रियोंमें ये चक्र जादा सक्रिय होता है क्यूं की बच्चोंको पालनेकी भूमिकामें प्रेम का बडा महत्व होता है, वरना इस संसार का अस्तित्व मिट जानेमें देर नहीं लगेगी| माँ प्रकृतिका स्वरूप है| अगर किसीके लिए दुनियाके सभी मार्ग बंद हो गये है तो वह एक बार अपनी माँ के चरणोंमें पूरे समर्पण से शीश रखकर बाधाओंसे बाहर आ सकता है, ये माँ की महती है|
इस चक्र का रंग हरा रंग है जो की शांति का प्रतिक है, प्रेम में किंतू परंतू नहीं होता वो सिर्फ बहता है| बहुत सारे लोगोंका ह्रदय चक्र बंद पडा है| सिर्फ बंद ही नही, उसपर बडा ताला भी लगाया है और चाबी गुम हो गयी है पता नहीं कहाँ| (ह्रदय चक्र खोलनेकी चाबी हमारे ही पास है और वो अंदरसे लगती है) ह्रदय को बंद क्यूं किया है लोगोंने? खोलनेमें डर लगता है, क्या कारण है इस भय का? दु:ख!!! प्रेम में दु:ख मिलता है और ये भावनिक दु:ख कई गुना जादा होता है शरीर के दु:ख से| पर प्रेम करनेसे दु:ख क्यूं मिलता है? क्यूं की हम unconditional प्रेम नहीं करते है, जो जैसा है वैसा उसे स्विकार नहीं करते है| स्वार्थ से भरा हुआ, कुछ कारण से हुआ प्रेम, शर्तोंसे बंधा प्रेम दु:ख देता है, और वो दु:ख हम ले नहीं सकते, इसलिए लोग प्रेम को ही छोड देते है, touch me not करके, ह्रदय चक्र को बंद करके फिरते है फिर| असलमें attach हो के प्रेम करनेके बजाए detach होकर सभी को प्रेम देना है| ऐसे प्रेम का स्वभाव है बहना, ह्रदय चक्र हमें एक दूसरे से जोडता है, प्राणी, पौधे, झरने, पर्वतसे इत्यादि सारी सृष्टीसे जोडता है और आखिरमें परमात्मा से जोडता है, तब वो प्रेम सच्चा प्रेम कहलाता है|
अनाहत चक्र स्वस्थ करनेके लिए-