स्वामी सत्यभारतीजी का परिचय


इसी बीच गुरूजीने हिमालय की कन्दराओं और आश्रमो में साधना की। वहाँ उनको गूढ अनुभव हुए । हिमालय के एक ज्ञानी के पास रहकर सिखी हुई चक्रसाधना अब उन्होंने विकसित की है जिसे सुशक्ती चक्रसाधना नाम दिया है। ये विधी पूरे विश्वमें अब स्वामी सत्यभारतीजी के ही पास है। इस वेबसाईट द्वारा ये विधी, ज्ञान सहित आप तक पहुँच रही है।

पिछले 14 सालसे गुरूजी इस ज्ञान को बाँटनेमें अविरत लगे है और जीवन को पूरी तरह से कैसे जिए ये कला भी सिखा रहे है। उनका पूरा जीवन अब सत्संग, सेवा और भजन (चक्रसाधना) अधिकाधिक लोगोंके पास पहुँचाना इसी कार्य में लगा है।