छटा चक्र आज्ञा चक्र

बीज मंत्र साधना



मनुष्य सदा से ही शक्ती की तलाश करता और हमारा आज्ञा चक्र शक्तीयोंका भंडार है। सामान्य तौर पर जिस व्यक्ती की उर्जा यहाँ जादा सक्रिय है, ऐसा व्यक्ती बौध्दीक रूप से संपन्न, संवेदनाशील और तेज दिमाग का बन सकता है। किंतू वह सब जाननेके बावजूद मौन रहता है। साधना करते करते हमारे पास एक शक्ती इकठ्ठा हो जाती है, तो आप जो कुछ भी कर रहें हैं उसमें उसका कुछ ना कुछ प्रभाव होगा, इसलिए आज्ञा चक्र का महत्व है। सबल आज्ञा चक्र वालोंके अनेक अनुयायी हो सकते हैं, और अगर आपका कमजोर आज्ञाचक्र है तो आप किसी के अनुयायी होंगे। अगर आपके पास पॉझाटिव्ह साधना है तो सबको प्रेम दें, सभी के भले के बारेमें सोचें, आशीर्वाद दिजीए अंदरसे, चाहें बोलें या न बोलें। आज्ञा चक्र से पॉझीटीव्ह एनर्जी निकलेगी तो फिर पॉझीटीव्ह एनर्जी आयेगी भी। यही एक चक्र है जिससे हम संसार से जुडते है। दूसरे चक्रोंका प्रभाव भी इससे बाहर आयेगा। इसी चक्र से - बाहर की दुनियासे हमारी interaction होती है, antenna है ये आपका इससे हम दूसरोंसे जुडते है।

संतुलित आज्ञा चक्र के लिए –

अपने अध्यात्मिक गुरू को धन वस्त्र इत्यादि दान दे सकते हैं।
सबका सम्मान करना, मीठा बोलना, कल्याण सोचना।