तिसरा चक्र मणीपूर

बीज मंत्र साधना



यह चक्र भय का, भाव का केंद्र है। संसारमें जितने भी असफल लोग हैं, उनकी असफलता के लिए इस चक्र का योगदान होता है। सफल हर व्यक्ती होना चाहता है, सकारात्मक सोच हर व्यक्ती रखना चाहता है, परंतू ऐसा हो कहाँ पाता है, अगर पात्रमें नीचे छेद हो तो वो कभी भर नहीं सकता। वैसे ही सफलता के लिए मणीपूर चक्र को स्वस्थ बनाना ही पडेगा। और दृढ संकल्प के बिना मणीपूर चक्र स्वस्थ नहीं हो सकता| कितनी भी रुकावटें आये आपको हाथमें लिया हुआ काम पूरा करना है, आधा कच्चा नहीं छोडना है| अनेक काम आधे आधे करनेके बजाए एक एक काम पूरा करते जाईये दृढसंकल्प के साथ तो मणीपूर चक्र स्वस्थ हो जाएगा| सफलता का सूत्र है आत्मविश्वास + परिश्रम + सकारात्मकता = सफलता।

नीचे दिये हुए उपाय मणीपूर चक्र को स्वस्थ करते है,

निस्वार्थ सेवा भावसे काम करना है, सभी लोगोंके साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना है
प्राणायाम मणीपूर चक्र के लिए अमृत है
सुबह उठकर उगते हुए सूर्य को जल चढाएँ, सूर्य की किरणे पानीसे होकर आपके चेहरेपर आयेगी तो वो आपकी अनेक नकारात्मकता नष्ट कर सकती है
पेटसे सांस ले और छोडे, पेट उपर नीचे होना चाहीए (इसको तानदेन ध्यान कहते हैं)